Tuesday, July 20, 2021

SEO Kya hai Full Explanation - इन हिंदी।

SEO Kya hai Eska Full Explanation - in Hindi (2021)

 
हेलो दोस्तों अगर आप भी SEO Kya है ? और इसका इस्तेमाल क्यों जरूरी है, कैसे किया जाता है,और कौन - कौन सी बातों का ध्यान रखा जाता है इसमें और SEO कितने प्रकार का होता है। और वो सब जो Seo से जुड़ा है ,के बारे में जानना चाहते है तोह अपने बिलकुल सही पोस्ट पर click किया है।
what is SEO
What is SEO

दोस्तों अगर आप सच में SEO kya के बारे में जानना चाहते हो तोह आपको बता दू की दोस्तों website Seo अपने आप में एक बहुत बड़ा टॉपिक है ,जिसको मैंने पूरी डिटेल्स से आपको बताने की कोशिश की है ,तोह आपको इस पोस्ट को पढ़ने के लिए थोड़े टाइम की जरूरत होगी। अगर आपके पास टाइम है और आप SEO kya है ? SEO kaise karte hai इसके बारे में जानना चाहते है तोह इस पोस्ट को पढ़ना शुरू कीजिये,

आप SEO के बारे में जानने आये हो तोह ये बात सही है की आप Blogging में या ऑनलाइन एअर्निंग के प्लेटफार्म पर अभी नए नए हो ,और ऑनलाइन या इंटरनेट से एअर्निंग करना चाहते हो या फिर इसके जरिये अपना Carrier बनाना चाहते हो ,तोह दोस्तों मैं भी चाहता हु की अगर आप मेरी इस पोस्ट को पढ़ने आये हो तोह आपको पूरी जानकारी दू। ताकि आपको भविष्य में Seo को लेकर कभी कोई परेशानी न आये।

full form of seo

SEO का पूरा नाम या फिर SEO की फुल फॉर्म है Search Engine Optimization.


History of SEO:-


तोह आइये दोस्तों शुरुआत से शुरू करते है। जब से Seo की शुरुआत हुई ,सन 1991 जिस समय दुनिया की पहली Website बनाई गयी थी। तब Seo की भी शुरुआत हो ही गयी थी पर उस समय seo करना इतना ज्यादा मुश्किल नहीं होता था जितना की आज के टाइम में हो गया है। 

पहले seo के नाम पर सिर्फ दो या तीन बातों का ध्यान रखा जाता था,जैसे की Title Seo में कीवर्ड्स और URL Seo लिंक में Keywords अपने कंटेंट में कीवर्ड्स डालने मात्र से  ही काम बन जाता थ। मतलब की आपको ज्यादा कुछ करने की जरूरत नहीं होती थी।

पहली साइट बनने के बाद धीरे - धीरे बहुत ज्यादा साइट्स बनने लगी और जो इतनी सारी साइट्स बन गयी तोह उनको Access करने में दिक्क़ते आने लगी तब जा के इस दिक्क्त को दूर करने के लिए Search इंजन को बनाया गया जो था। Yahoo.com जी हा दोस्तों उस टाइम yahoo को ही सर्च इंजन के लिए इस्तेमाल किया जाता था,  

जैसे एक वेबसाइट के बाद अनेक वेबसाइट बनती गयी तोह एक search इंजन से भी कहा बात बनने वाली थी तोह तब 1996 में Larry page और Brin नामक व्यक्ति ने मिलकर Backrub नाम का एक और सर्च इंजन बनाया,जिसका कुछ टाइम बाद नाम चेंज कर दिया गया जिसको आज हम Google के नाम से जानते है। 

और Google ने बहुत सारी जब साइट्स इंटरनेट पर बन गयी तोह अपने Search engine को algorithm based बना दिया ,मतलब की Quality ,Relevancy और Content जो साइट या page इन चीज़ो को पूरा करेगा उसी का कंटेंट जो है Google अपने Search engine के 1st पेज पर दिखायेगा। ठीक है दोस्तों अब बात आती है। SEO की। 

 SEO Kya hai - Puri Jankari 


तोह हम अपने Page या साइट पर Content ,Relevancy और Quality को पूरा करने के process को ही Seo कहा जाता है। मतलब की seo एक ऐसी प्रकिर्या है जो की हम अपने पेज या साइट को कुछ Keywords पर Google के Search engine में Rank करवाने के लिए करते है। अब इस प्रकिर्या में क्या क्या करना होता है किन - किन बातों का ध्यान रखा जाता है। उन सबके बारे में हम लोग विस्तार से पढ़ेंगे। 

दोस्तों वैसे तोह  seo के बारे में जितना मर्ज़ी ज्ञान प्राप्त कर लो वो सब कम ही रहेगा , इसकी पूरी Knowledge आज तक कोई भी नहीं जान पाया है। मतलब की Seo expert ,क्योकि Google  समय - समय पर अपने Algorithm में बदलाव करता रहता है और seo भी इन्ही Google Algorithm पर आधारित हो तोह उसमें भी बदलाव आते रहते है। 

 SEO Kya है। (Search Engine Optimization ) कैसे काम करता है ?


देखो दोस्तों जब भी हम Google में कुछ Keywords सर्च करते है तोह हमारे सामने गूगल के पहले  पेज पर 10 Websites Link आते है ,जो की किसी ना किसी Blog साइट के होते है। तोह जो लिंक सबसे ऊपर होता है। वो Page उन specific Keywords पर google search engine में rank 1  पर होता है। मतलब की उस पेज का SEO बहुत अच्छा किया गया है तभी वो No .1 के रैंक पर है। 

Seo Kyo जरूरी है?


दोस्तों अगर अपने मेहनत करके ब्लॉग के आर्टिकल लिखा है। पर जब तक उस पर Visitors ही नहीं आएंगे तब तक आपकी मेहनत बेकार है। 
 और SEO इसी के लिए जरुरी है इसकी मदद से आप अपने पेज को गूगल में रैंक करवा सकते है। जब आपका पेज गूगल में रैंक करेगा। 

जो भी इंटरनेट यूजर वो Keywords Search करेगा जिन पर अपने ब्लॉग बनाया है। और उसका अच्छे से seo भी किया है तोह आपका ही  ब्लॉग सबसे ऊपर रहेगा।और Rank में रहने का फायदा ये होगा की आपकी साइट पर बहुत सारा traffic आएगा। और आप Blog se  earning कर पाएंगे।

अगर अपने ब्लॉग लिखा है और आप उसको लोगो तक पहुंचना चाहते है तोह seo ही एक ऐसा माध्यम है जिसका इस्तेमाल करके आप अपने कंटेंट को Google Search के जरिये लोगो तक पंहुचा सकते हो। और हर कोई साइट बनता ही इसलिए है की उस पर ज्यादा से ज्यादा traffic ला सके।

जब ज्यादा से ज्यादा लोग उसके Content को पढ़ेंगे तोह उसकी पहचान भी बढ़ेगी लोग उसको जानने लगेंगे। और वो खुद की दुनिया भर में
एक अलग पहचान बना पायेगा। तोह देखिये दोस्तों internet के दुनिया में SEO कितना जरुरी है। 

Seo Kyo jaruri है ?

कुछ महत्वपूर्ण Points नीचे दिए है :-

सबसे पहले तोह यही की साइट पर ट्रैफिक बढ़ाने के लिए seo जरुरी है। 

अपनी साइट को trustable बनाने के लिए। 
क्योकि हर कोई Google search में दिखाए गए पहले दो या तीन Links पर ही क्लिक करता है। लोगो का ये मानना है की अगर गूगल ने इन साइट्स के लिंक्स को  ऊपर रखा है तोह ये अच्छी जानकारी देते है। तभी रैंक में है। 

आपके website usability को बढ़ाने के लिए भी seo जरुरी है। 

अच्छे Social media रिलेशन के लिए भी seo जरुरी है। 
अगर आपकी साइट रैंक में है और साइट पर ट्रैफिक भी खूब आ रहा है तोह लोग आपके Content को Facebook Instagram और अन्य Social sites पर शेयर जरूर करेंगे। 


Seo Top 10 Ranking Pages में बने रहने में आपकी मदद करता है।
इंटरनेट अपर बहुत सारी साइट्स है और शामे कंटेंट तोह होता ही है इंटरनेट पर मतलब की जिस चीज़ के बारे में आप लिखने जा रहे हो ,उस पर पहले से बहुत लोगो ने लिखा होगा। लेकिन Top 10 ranking sites वही होंगी जिनका SEO अच्छा होगा। 
 

SEO types इन हिंदी। 


1. On Page Seo या On Site SEO

2. OFF Page Seo या OFF Site SEO

3. Technical Seo



1. On Page SEO या On Site Seo 

दोस्तों On Page SEO ये वो प्रकिर्या है जो हम अपने पेज या साइट पर करते है। दोस्तों इस  Seo type का 100 % कण्ट्रोल आपके हाथ में होता है। मतलब की On page Seo में जो कुछ भी किया जाता है वो सब आपके द्वारा ही किया जाना होता है।

दोस्तों On Page seo भी दो प्रकार का होता है। 

A. One time Seo 

B. Once in a while new Post  


One time Seo 

 जैसे की इसके नाम से ही पता चलता ही One time मतलब की एक बार। तोह दोस्तों Page पर कुछ settings ऐसी होती है जिनको आपको एक बार सेट करना होता है। फिर उनमे तब तक चेंज नहीं किया जाता जब तक की जरुरत ना हो। 

Once in while a new Post  

ये On Page seo का पार्ट है जिसको हमने तब करना होता है जब भी हम कोई भी नई पोस्ट ब्लॉग लिखते है। इनको हर बार करना होता है जब भी आप नई पोस्ट लखोगे। 

On Page SEO कैसे किया जाता है। तोह दोस्तों हमने कुछ point नीचे लिखे है। जो की आपको on Page करने होते है। जिन पर हम विस्तार  से चर्चा करेंगे ,की कब क्यों और कैसे किया जाता है। 

  1. Website optimization 
  2. Website Structure  
  3. Google search Console  
  4. Keywords Optimization
  5. Well targeted Content 
  6. Image optimization 
  7. Mobile Friendly 
  8. Readability 
  9. User /SEO Friendly URL 
  10. Site Crawlability 
  11. Outbound Links 
  12. https //
  13. SSL certificate 
  14. Robots.txt.
  15. Meta tags 


 1 Website optimization:- 

      A . Website Speed 

दोस्तों इसमें आपको अपनी साइट पेज की opening Speed को ज्यादा से ज्यादा रखना है जिससे की जो कोई भी यूजर आपके Content को पढ़ना चाहता है तोह वो उसको आसानी से ओपन कर सके। क्योकि जितनी अच्छी आपके पेज की ओपनिंग स्पीड होगी User उस पर टाइम भी ज्यादा बिता सकता है। 

क्योकि कोई भी यूजर 4 - 5 sec ही किसी साइट पर वेट करता है अगर पेज ओपन ही नहीं होगा तोह यूजर आपकी साइट को छोड़ कर किसी दूसरी साइट पर चला जायेगा। तोह इस का अपने ध्यान रखना है की आपके पेज की Speed अच्छी हो। 

B .Website Navigation 

इसके साथ साथ आपकी साइट की Navigation यानि एक पेज से दूसरे पेज पर जाने में भी सरलता होनी चाहिए। अगर यूजर का experience अच्छा रहेगा तोह आपकी साइट का ट्रैफिक भी बढ़ेगा। और ये google Search के लिए एक अच्छे navigate का काम करेगा। 

2 .  Website Structure :-

इसका सम्बन्ध आपके पेज के Viewing Structure से है की आपकी साइट दिखती कैसी है। इसमें आपको कुछ बातें ध्यान में रखनी है जैसे की - Template theme ,Sitemap 

Page Template SEO -Theme Seo

1. इसमें आपको अपनी साइट या पेज के लिए ऐसा थीम सेलेक्ट करना चाहिए जो SEO friendly theme हो और User Friendly theme हो मतलब की कोई भी इंटरनेट यूजर उसको आसानी से समझ सके और उसको आपकी साइट को देखते ही पता चल जाये की कौन सी detail कहा पर है। 


2. Seo Friendly template हो की जल्दी से जल्दी लोड हो जाये चाहे यूजर मोबाइल यूजर हो या Desktop यूजर हो। क्योकि अगर easy to load template नहीं होगा तोह यूजर किसी दूसरी साइट पर चला  जायेगा।    


Sitemap :- अब साइट मैप भी दो तरह का होता है XML साइट मैप और दूसरा HTML Sitemap 


XML साइट मैप इस मैप का इस्तेमाल Google Crawlers आपकी साइट को समझने के लिए करते है। की आपका content किस चीज़ से रिलेटेड है। और वो उसको उसी category में index करके रख लेते है। 

HTML साइट मैप ये मैप User को आपकी साइट को समझने के लिए इस्तेमाल में आता है। इसकी सहायता से कोई भी internet यूजर आपकी साइट के Structure को आसानी से समझ सकता है की अपने खा पर कौन सी details दे रखी है।

Sitemap कैसे Generate करें। 

अपनी साइट का Sitemap Generate करने के लिए आपको www.XML-sitemap.com साइट पर जा कर अपनी साइट का URL एंटर करना है और आपका साइट मैप बन जायेगा और वह से डाउनलोड करने के बाद आपको इस साइट मैप को अगर आप वर्डप्रेस इस्तेमाल करते है तोह इसको अपने साइट की रुट फाइल में जा कर Upload कर देना है। Blogger को इस्तेमाल करने वालो को को इसको अपलोड करने की जरूरत नहीं होती। 

How to check page sitemap ?

दोस्तों अगर आप लोग अपनी साइट या पेज का साइट मैप देखना चाहते हो तो आपको अपनी साइट के URL के आगे लिखना है /Sitemap.XML और एंटर कर देना है। आपकी साइट का XML साइट मैप आपके सामने आ जयेगा और इसी तरह 

अगर आप अपनी साइट का HTML साइट मैप देखना चाहते है तोह आपको लिखना है Page URL के सामने /Sitemap.html और एंटर कर देना है आपकी साइट का html साइट मैप ओपन हो जाएगा। 

दोस्तों मैंने ऊपर अभी दो वर्ड्स इस्तेमाल किये थे Google Crawler ,तोह दोस्तों ये crawler साइट को crawl करने का काम करते है ये समय समय पर आपकी साइट पर आकर आपकी साइट को क्रॉल करते रहते है की अपने क्या - क्या कंटेंट और ऐड किये है। तोह अब बात आती है की क्रॉलर को कौन बताएगा की ये आपकी साइट है ये उसका साइट मैप है इसको जा के crawl करो। तोह दोस्तों इसके लिए गूगल ने बनाया है Google  Search  Console जिसमे आपको अपनी साइट या पेज का साइट मैप add करना होता है जब वो Successfully ऐड हो जाता है तोह Crawler अपना काम सुरु कर देते  है।

3. Google Search console kya है?

Site map कैसे ऐड करें Google Search console में। 

दोस्तों पहले क्या होता था की Google crawler या Google bots जो होते है। वो क्या करते थे की मान लो किसी साइट पर उनको आपकी साइट का लिंक मिला और उसने उसको crawl किया और उसको आपकी साइट के २-3 लिंक और मिल गए उसी लिंक से तोह फिर वो उनको crawl करता है। मतलब की काफी लम्बा प्रोसेस होता था 

जिसको की गूगल ने Google search console की मदद से बहुत आसान कर दिया। अब क्या होत्ता है आपको अपनी साइट की property यानि URL google search console में ऐड करना है और अपनी साइट का साइट मैप ऐड करना है और google बोट्स को आपकी साइट को समझने में कोई दिक्क्त नहीं होगी। bots आपके कंटेंट को crawl करके उसको इंडेक्स करके रख लेंगे और जब कभी भी कोई यूजर उस Content related quires करेगा तोह गूगल सर्च उस यूजर को आपका कंटेंट दिखा देगा।


 Site map कैसे add kare Google search console में। 

आपको Google में Google search console लिख कर सर्च करना है और सबसे पहले लिंक को ही ओपन कर लेना है उसके बाद Start Now पर क्लिक करना है और अपनी Gmail की id से Signup कर लेना है मतलब की अपना अकाउंट क्रिएट कर लेना है। उसके बाद Left side साइड में Down arrow कर के आपको ADD Property में अपनी साइट का URL Add करना है। 

उसके बाद आपको left साइड में ही 5th ऑप्शन पर यानि की Index में दूसरे ऑप्शन Sitemap पर क्लिक करना है। और क्लिक करने के बाद आपको add a new Sitemap का ऑप्शन दिख जायेगा। आपकी साइट का URL वहां पहले से ही ऐड होगा आपको बस उसके सामने /sitemap.xml लिख कर submit पर क्लिक कर देना है। और एक बार Refresh कर देना है। जैसे ही status Success हो जायेगा आपका साइट मैप ऐड हो जायेगा।  

4. Keywords Seo / Title Optimization :-

दोस्तों  कीवर्ड्स Optimization ये SEO की नज़र से सबसे ज्यादा important On page SEO का पार्ट है और इसको हर बार जब भी आप New पोस्ट लिखोगे आपको करना होता है और इन्ही Ranking keywords पर आपका कंटेंट रैंक में आता है।

Keywords optimization से हमारा मतलब है की Title यानि H1 या आपके कंटेंट के मैन कीवर्ड्स से है जिसको अपने 55 - 60 words में लिखना होता है। keywords optimization करते समय ध्यान रखने वाले Point नीचे दिए गए है :-


(a) आपको अपने कंटेंट में Key word Density का खास तोर पर ध्यान रखना है ,मतलब की मैन कीवर्ड्स कितनी बार इस्तेमाल किया गया है क्योकि Search Engine Optimization में कीवर्ड्स डेंसिटी महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। 

(b) दोस्तों आपको कीवर्ड्स डेंसिटी तोह करनी है लेकिन आपको keywords Stuffing नहीं करनी मतलब की जरुरत से ज्यादा नहीं इस्तेमाल करना। ये आपकी रैंकिंग पर इफ़ेक्ट डालता है। 

(c) आपको अपने Title के साथ साथ अपने मैन कीवर्ड्स को Search meta description में भी इस्तेमाल करना है। 

(d) आपका जो Search description है उसको आप 150 words तक लिख सकते है उसको अपने ऐसे लिखना है की वो यूजर के intent से मेल खता हो यानि की अपने description किसी ना किसी intent को ध्यान में रखते हुए ही लिखना है।

(e) Title tag यानि title keywords ऐसा होना चाहिए की यूजर उसको पढ़ते ही उस पर क्लिक कर दे। 

(f) आपको  मैन कीवर्ड्स को अपने कंटेंट में bold करके रखना जिससे जिससे की ये पता चले की ये मैन कीवर्ड्स है।

(e) अगर आप एक नए ब्लॉगर है तो आपको long tail keywords  को ज्यादा इस्तेमाल करना चाहिए अपनी पोस्ट में और जितना हो सके अपने कीवर्ड्स को उनके रखने की कोशिस करे।




5 .Well targeted Content :- 

मतलब की आपको कोई भी कंटेंट लिखने से पहले आपको उसके बारे में कुछ research करनी है। या फिर आपको content जिस भी कीवर्ड्स पर लिखना हो। वो कंटेंट आपका पूरा की पूरा आपके कीवर्ड्स के अकॉर्डिंग ही होना चाहिए। ये नहीं की अपने कीवर्ड्स कुछ select किया है और अपने कंटेंट में कुछ होर ही लिखा जा रहा है तो आपको ऐसा कुछ नहीं करना है।

(a).Words - Headings :- आपके द्वारा लिखा हुआ Content 1000 वर्ड्स से ज्यादा का होना चाहिए content में आपको H1 ,H2 ,H3 Seo से लेकर H6 तक की Heading आपको देनी है। Content का H1 जो की टाइटल होता है। उसको आपको अच्छे से H1 Seo रिसर्च करके किसी अच्छे टूल का इस्तेमाल करके ही रखना चाहिए।
 
(b).Unique Content :- आपके द्वारा लिखा हुआ कंटेंट seo optimized content होना चाहिए किसी का copy paste आपको इस्तेमाल नहीं करना। इसके लिए आप की आपका कंटेंट copywrite content है या नहीं आप Plagiarism Checker tool  का इस्तेमाल कर सकते है। इसमें आप एक बार में केवल 1000 words ही copy write है या नहीं चेक कर सकते हो।
  
(c).Internal Linking :- आपको अपने content को लिखते समय अपनी बाकी  post  का भी Link साथ में attach करना है। जैसे ही कंटेंट में आपकी पहली किसी पोस्ट से रिलेटेड कोई word इस्तेमाल में आता है तोह आप वहां पर Internal linking कर सकते है।  


6. Image optimization ( Image Seo )क्या है ?

इमेज ऑप्टिमाइजेशन क्या है दोस्तों इसमें आपको अपने पेज पर जो भी Image Upload करनी है आपको उसके size , Format ,caption ,alt text  और Title text सबका ध्यान रखना होता है :- चलिए बात करते इनके बारे में। 

A .Image size :- दोस्तों आपको image का साइज कम से कम रखना है। जिससे की वो यूजर के लिए आसानी से visible हो अगर इमेज का साइज ज्यादा होगा तोह वो यूजर jb पेज पर आएगा तोह ज्यादा heavy size होने की वजह से कई बार image की जगह पर Error आ जाता है और user को इमेज दिखाई ही नहीं देगी। तोह इसलिए साइज कम से कम रखना चाहिए। 

B. Image Format :- दोस्तों आपको इमेज साइज के साथ साथ उसके फॉर्मेट का भी ख्याल रखना है की SEO फ्रेंडली Format ही इस्तेमाल करना है। जैसे की JP2 ,WebP ये दोनों SEO friendly image format होते है। ये दोनों Format PNG और JPG या JPEG ये seo friendly image formats के लिए अच्छे रहते है। 

C. Image Caption क्या होता है ?

दोस्तों आप लोगो ने देखा होगा की बहुत की जगहों पर Image के नीचे उसके बारे में या फिर वो इमेज किसकी है या फिर उस इमेज में कौन है उसका नाम लिखा होता है इसको ही इमेज caption कहते है। 

D. Image title text क्या होता है ?

दोस्तों आप इमेज में क्या दिखा रहे है। वो इमेज क्या show कर रही है वही लिखना होता है ,आप अपने keywords को भी टाइटल में लिख सकते है। 

E. image alt text क्या होते है ?

दोस्तों इमेज alt text होते है इमेज के alternatives ,होते है मतलब की Google Crawler आपकी इमेज को इन्ही alt text की मदद से ही समझता है की ये इमेज किस चीज़ से रिलेटेड है।  


 (a) Importance of image alt text :-

दोस्तों अगर कभी आपकी इमेज load नहीं होती तोह उसकी जगह पर ये इमेज के Alt Text ही शो हो जाते है। क्योकि गूगल crawler इमेज के साथ उसके alt text को भी Crawl करने के बाद index करके रख लेते है और इमेज के load न होने पर इनको इमेज की जगह पर Show कर दिया जाता है। 

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7. Mobile Friendly 

दोस्तों मोबाइल फ्रेंडली से मतलब ये है की आपका पेज या साइट मोबाइल Friendly होनी चाहिए ,यानी की आपकी साइट का Responsive page होना चाहिए। मतलब की जब भी कोई यूजर आपकी साइट ओपन करें चाहे मोबाइल में या Desktop या iPhone या अन्य कोई भी गैजेट जो भी यूजर इस्तेमाल कर रहा है उसमे आसानी से ओपन होनी चाहिए। 

यानि की यूजर गैजेट के अकॉर्डिंग आपकी साइट का टेम्पलेट हो जाना चाइये। ये नहीं की आपकी साइट डेस्कटॉप में तोह सही दिखती है और मोबाइल में वो पूरी details ही न दिखाए।

How to check my Site is Mobile friendly ?

दोस्तों वैसे तोह आप अपनी साइट या पेज का mobile friendly test करने के बहुत सी साइट्स आपको इंटरनेट पर मिल जाएंगी ,पर मैं यह बात कर रहा हूँ की कैसे आप Google  search Console में अपनी साइट का मोबाइल फ्रेंडली टेस्ट कर सकते हो। 

How to check Site is Mobile friendly ?

आपको Google में Mobile Friendly टेस्ट लिख कर सर्च करना है और सबसे पहले वाले लिंक को ओपन कर लेना है उसके बाद अपनी साइट का URL एंटर करना है और Test URL  पर क्लिक कर देना है। Result आपको show हो जायेगा , इसमें 1 मिनट तक का समय लग सकते है।  

8. Readability :-

दोस्तों आप जो भी पोस्ट अपने पेज पर लिखोगे उसके words और words की length और उनका साइज सब सही होना चाहिए। ताकि जो भी यूजर आपकी साइट पर आये उसको कोई भी कंटेंट पढ़ने में परेशानी न हो। 


9 . User /SEO Friendly URL:-

    (Seo friendly URL - in  Hindi )

दोस्तों seo friendly URL से  मतलब है की आपके कंटेंट या पोस्ट का URL जितना छोटा होगा उतना ही अच्छा होगा ,और छोटे URL ही Google Search में जल्दी Rank कर सकते है।आपके title के main keywords  भी URL में होने चाहिए। 


Types of URL 

First level URL:- https://www.bkayblogs.in/2021/07/aptitude-test-questions-answers.html 
Second level URL:- https://www.bkayblogs.in/2021/07/aptitude-test-questions-answers.html
Third level URL:- https://www.bkayblogs.in/2021/07/aptitude-test-questions-answers.html

मतलब की आपके साइट URL के ( / )से अगले ( / )तक पहला लेवल और अगले ( / )तक दूसरा लेवल फिर तीसरा( / ) यानि की तीसरा लेवल होता है। और आपके URL  का लेवल जितना छोटा होगा उतना seo friendly होगा। 

10. Site Crawlability :-

अब हमारा अगला Point है Site Crawlability मतलब की आपकी साइट का sitemap Google crawler के लिए आसानी से Crawl करने लायक होना चाहिए। ताकि गूगल बोट्स साइट को Crawler time के अंदर ही आपकी साइट को crawl करले। 

Crawler time क्या होता है ?

दोस्तों गूगल के जो Crawler bots होते है उनका साइट्स और कंटेंट को crawl करने के लिए Google Algorithms के अनुसार टाइम limit होती है की किस साइट पर कितना टाइम Crawling में देना है। उसी टाइम को Crawler टाइम कहते है। 

11 .Outbound Links 

दोस्तों Outbound links kya hai ?तोह आपको बता दू की आपकी साइट पर जो भी link आप अन्य किसी साइट का लगाते हो। उसको ही Outbound लिंक कहा जाता है। 

Outbound Link benefits or Loss 

अगर आपकी साइट का Outbound link किसी अच्छी साइट पर खुलता है मतलब की उस साइट की लोगो की नज़रो में अच्छी value है। तोह आपकी साइट के लिए वो Outbound link काफी benefits देगा। वही अगर वही लिंक किसी ऐसी साइट का हुआ जिसकी लोगो की नज़रो में कुछ ज्यादा अच्छी वैल्यू नहीं है तोह आपकी साइट के लिए भी उनका नज़रिया वैसा ही रहेगा तोह आपके पेज पर Outbound link काफी महत्त्व रखते है।  

12. https//: 

आपकी साइट https linked होनी चाहिए। इसका सीधा सा मतलब है। ये एक तरह की One time seo की एक setting होती है जिसको आपको on ही रखना होता होता है। आज कल जितनी ही भी साइट्स है वो सब https पर ही Run करती है। 

कुछ टाइम पहले http होता था। जिसमे की security का issue रहता था उसके बाद सब https पर move हो गए क्योकि कोई भी यूजर unsecured साइट पर क्यों visit करेगा। जहाँ पर उसकी details ही secured न हो तोह आपको ये ध्यान रखना है की आपकी साइट https enable हो। 
Means Set http to https -- On 

13. SSL certificate क्या है ? ( Secure Sockets Layer certificate )

दोस्तों आपने देखा होगा की कई बार जब कभी आप किसी साइट पर जाते है तोह कई साइट्स के URL में Not Secure लिखा होता है। मतलब की उन्होने SSL नहीं लिया हुआ है। 

SSL क्यों जरुरी है ?

दोस्तों user security एक साइट ओनर के लिए बहुत मायने रखती है। और अगर साइट सिक्योर होगी तभी यूजर उस पर ट्रस्ट करेंगे और उसे share भी करेंगे। और अगर साइट Amazon जैसे शॉपिंग साइट है तोह SSL का होना बहुत ही जरुरी है। क्योकि यूजर तभी Bank details देगा जब उसको लगेगा की साइट secure है।  

SSL सर्टिफिकेट का सीधा असर आपकी रैंकिंग पर भी पड़ता है। साइट secure होगी तोह यूजर ज्यादा देर आपकी साइट पर रहेगा और और Google के pass सब रिकॉर्ड रहता है। जब यूजर टाइम ज्यादा होगा आपकी साइट पर तोह आपकी साइट अपने आप ही रैंक करेगी। 

Types of SSL Certificates 


1. Single Domain SSL Certificate :- ये SSL केवल एक सिंगल domain या website के लिए होता है। 
2. Multi Domain SSL Certificate :- ये SSL एक से ज्यादा domain के लिए लिया जाता है। 
3. Wildcard SSL Certificate:- 
4. Organization SSL Certificate :- ये SSL Certificate जो Ecommerce websites होती है। जैसे shopping साइट के लिए जरुरी होता है। 
5. Extended SSL Certificate :- ये SSL certificate जो बड़ी बड़ी companies जैसे Amazon जैसी साइट्स के लिए होता है। 


दोस्तों SEO Kya है ? SEO Full Explanation यहाँ तक आपको सब समझ में आ गया होगा चलिए आगे बढ़ते है हमारा अगला Point  है :-

14 Robots .txt .

दोस्तों वैसे देखा जाये तोह ये बीएस एक छोटी सी file होती है परन्तु ये हमारे पेज या साइट के लिए बहुत ही अहम भूमिका निभाती है। 
 

Robots .txt .file क्यों जरुरी है ?

तोह दोस्तों इसी फाइल के जरिये आप Google  के Crawler को ये बताते हो कि आपके वेबसाइट पर कौन सा पेज Crawl करना है या कोनसा नहीं करना। तोह इस फाइल की मदद से आप ऐसा कर सकते है आप अपने अनुसार अपने जिस भी पेज को चाहते है की ये क्रॉल होना चाहिए और ये नहीं तोह इस file की मदद से आप ऐसा कर सकते है।  

15 Meta tags:-


दोस्तों meta tags ये हमारी साइट के लिए काम करते है ये टैग्स ही बताते ही आपकी साइट किस कंटेंट से रिलेटेड है मतलब की आप जो Keywords meta tags में एंटर करोगे आपकी साइट google index  में उसी category में इंडेक्स होगी। 


आपको meta  tags लिखते समय ये ध्यान में रखना है। की आपके कंटेंट से related हो या फिर आप जो भी Content लिखते हो वो आपके meta tags से रिलेटेड होना चाहिए। 

तोह दोस्तों ये थे SEO Kya है ? में वो Points जो की हमको On page SEO में करने होते है। आशा करते है यहाँ तक आपको सब समझ में आया होगा। तोह अब बात करते है OFF Page SEO की और इसके साथ साथ हम बात करेंगे की कौन - कौन सी गलतियां होती है ON और  off Page seo में। 

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